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Toggleज्योतिष और Tantra Vidya में कौन है महान
ज्योतिष विद्या और तंत्र विद्या भारत देश के प्राचीन विद्याओं में सबसे प्रचलित है। ज्योतिष शास्त्र में जहां चाँद ,ग्रह , सूर्य के चाल का प्रभाव से मनुष्य के ज़िंदगी में बदलाव के बारे में बताया जाता है। वही अगर तंत्र -विद्या की बात करें तो तंत्र -मंत्र से आप अपना कोई भी काम करवा सकते हैं। पर कही लोगो को ज्योतिष विद्या और Tantra Vidya में अंतर नहीं समझ पाते। अक्सर लोग तंत्र और मंत्र को एक समझ लेते हैं। इस ब्लॉग के मदद से हम आपको ज्योतिष विद्या और तंत्र विद्या में अंतर के साथ दोनों में कौन महान है यह भी बताएँगे।
Tantra Vidya क्या ज्योतिष शास्त्र का भाग है ?
ज्योतिष शास्त्र यानि वह शास्त्र जिसमे पुरे ब्रह्माण्ड में ग्रह , चंद्र और बाकि चीज़ों का प्रभाव इंसान के ज़िन्दगी में क्या होता है यह वर्णन होता है। जब भी घर में किसी का जन्म , या नामकरण होता है तो एक ज्योतिषी को बुलाया जाता है। परन्तु जब ग्रहों की महादशा चलती हो या किसी प्रकार का उपाय चाहिए होता है तब तंत्र -मंत्र उपयोग में आते हैं। परन्तु जब भूत -प्रेत या वशीकरण करना होता हो तब Tantra Vidya का उपयोग होता है। अब सवाल यह है की कौन सी विद्या महान है अथवा कौन सी विद्या ज्यादा सही है ? आइये जानते है।
क्या होता है ज्योतिष शास्त्र ?
भारत का इतिहास सिर्फ वीर सपूतो से नहीं बल्कि ज्ञान के समुन्दर के लिए भी जाना जाता है। कूटनीति हो , या राजनीती या कोई और विद्या , सबकी उत्पति इसी भारत देश से निकली है। इसी मिट्टी से निकला है ज्योतिष शास्त्र। प्राचीन काल से अबतक ज्योतिष शास्त्र एक अभिन अंग बना हुआ है और आज भी बहुत लोग इसे सीखते हैं। आइये जानते है क्या होता है ज्योतिष शास्त्र।
- ज्योतिष शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विद्या है जो तारामंडल और ग्रहों के स्थिति एवं गतिविधियों का अध्ययन करती है।
- यह एक आध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन का मार्गदर्शन करने का प्रयास करती है और व्यक्ति के भविष्य को जानने प्रयास करती है।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ब्रह्मांड में सभी घटनाएं एक अविच्छेद्य ब्रह्म के अद्वितीय रूप का हिस्सा हैं, और समय, स्थान, और व्यक्ति सभी इसी ब्रह्मांड के एक अंश के रूप में अभिव्यक्त होते हैं।
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आखिर कहाँ से आया है ज्योतिष शास्त्र ?
ज्योतिष शास्त्र या ज्योतिषशास्त्र का अध्ययन वैदिक काल से माना जा सकता है। भारत के सबसे पवित्र ग्रंथों में से एक अथर्ववेद में ज्योतिषीय परंपराओं की झलक दिखाई देती है। भारतीय वैदिक ज्योतिष अत्यंत प्राचीन एवं प्राचीनतम ज्योतिष पद्धति है।
पौराणिक काल और पुरातत्व अभिलेख के अनुमान के अनुसार भारतीय वैदिक ज्योतिष का काल लगभग 5000 ईसा पूर्व है।ज्योतिष का इतिहास हिंदू धर्म के पवित्र वेदों में बताया गया है।
ऐसा माना जाता है कि भारतीय वैदिक ज्योतिष वेदों के छह पूरकों में से एक पर आधारित है जिन्हें वेदांग कहा जाता है। वशिष्ठ, भृगु और गर्ग जैसे प्राचीन ऋषि वैदिक ज्योतिष के विशेषज्ञ थे और उन्होंने कई सटीक और सटीक भविष्यवाणियाँ कीं।
तब ऋषि पराशर ने कलियुग (वर्तमान समय लगभग 3102 ईसा पूर्व) की शुरुआत से पहले बृहद पराशर होरा शास्त्र लिखा था।
उन्होंने इसे अपने एक शिष्य ऋषि मैत्रेय आदि को भी सिखाया था। इस प्रकार भारतीय वैदिक ज्योतिष ने एक लम्बी यात्रा तय की। फिर यह फ़ारसी, फिर बेबीलोनियों, फिर यूनानियों, रोमनों और मिस्रियों तक पहुँच गया। आपने ज्योतिष शास्त्र के बारे में जानकारी मिल गयी होगी। हालाँकि ज्योतिष शास्त्र के बारे में जितना बताया जाये उतना ही कम है। अब जानते है तंत्र विद्या क्या होता है?
तंत्र विद्या के बारे में जाने
भारत में बॉलीवुड की फिल्मे जैसे नागिन , भूतनाथ में आपने तांत्रिको को देखा होगा। उनको आपने तरह -तरह के मंत्र जाप करते हुए देखा होगा। पर आपको जान के यह आश्चर्य होगा की यह सब चीज़ें वास्तव में होती है। आजकल लोग जब परेशान होते हैं तो उनको जल्दी से हल चाहिए होता है। तंत्र विद्या एक तरह की शास्त्रीय प्रणाली है
जिसमे आप विभिन्न धार्मिक और तांत्रिक साधनाओं का अध्ययन होता है और यह आपको बहुत शक्तिशाली भी बना सकता है। संस्कृत से बहुत सारे भाषाएँ निकली है , और तंत्र भी एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ “तंतु” या “तार” होता है। जैसे तार का काम बिजली को एक जगह से दूसरे जगह ले जाना होता है उसी तरह तंत्र विद्या आपको धार्मिक और तांत्रिक में शक्तिशाली बना सकता है।
तंत्र विद्या से हम क्या -क्या सिख सकते हैं
- तांत्रिक शास्त्र में अनेक तरह के विधाएँ और विद्याएँ होती हैं , जो मन , शरीर , आत्मा और ऊर्जा को नियंत्रित करने में उपयोगी होती है।
- तंत्र विद्या में अनेक तरह के क्रियाएं जैसे पूजा , मंत्र , यन्त्र और साधनाएं शामिल होती हैं जिससे साधक को आत्मा , साधना और सिद्धियां प्राप्त होती है।
- इस विद्या के प्राप्ति हेतु विभिन्न देवताओं और देवी-देवताओं की साधना, तांत्रिक क्रियाएं, और चिकित्सा जैसे उपायों का अध्यन होता है।
- तंत्र विद्या सीखने हेतु आपको अपने गुरु का पालन करना होता है और इसके लिए आपको पूर्ण समर्पण करना होता है।
ऊपर आपने ज्योतिष शास्त्र और Tantra Vidya के बारे में जाना , अब जानते है दोनों विद्याओं में कौन है महान।
ज्योतिष और तंत्र विद्या में अंतर बता पाना बहुत ही मुश्किल है। एक तरफ ज्योतिष विद्या और दूसरी तरफ तंत्र विद्या। जहाँ एक और तंत्र विद्या गलत तरीको के लिए इस्तेमाल होता है वही ज्योतिष शास्त्र आपके भविष्य के बारे में बताता है। महानता की बारे में बात करे’तो ज्योतिष शास्त्र Tantra Vidya से कही कदम आगे है। तंत्र विद्याओ से आपके साथ धोखा भी हो सकता है और कही गलत चीज़ों का शिकार भी हो सकते हैं। ज्योतिष विद्या आपको बताता है आपके लिए क्या सही है जबकि तंत्र विद्या आपको गलत रास्ते पर भी मोड़ सकता है।
ऐसे और भी ज्योतिष विद्या के बारे में जानने या पढ़ने के लिए, All India Institute of Occult Science की Website पर Visit करे
- Tantra Vidya क्या होता है ?Tantra Vidya एक तरह की शास्त्रीय प्रणाली है जिसमे आप विभिन्न धार्मिक और तांत्रिक साधनाओं का अध्ययन होता है और यह आपको बहुत शक्तिशाली भी बना सकता है।
- ज्योतिष शास्त्र की विशेषताएं क्या-क्या है?ज्योतिष शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विद्या है जो तारामंडल और ग्रहों के स्थिति एवं गतिविधियों का अध्ययन करती हैऔर भविष्य , पैसा , नौकरी आदि चीज़ों के बारे में बताता है।
- ज्योतिष शास्त्र और तंत्र विद्या में कौन महान है?जहाँ एक और तंत्र विद्या गलत तरीको के लिए इस्तेमाल होता है वही ज्योतिष शास्त्र आपके भविष्य के बारे में बताता है। महानता की बारे में बात करे'तो ज्योतिष शास्त्र Tantra Vidya से कही कदम आगे है।