नमस्कार दोस्तों,
आज हम आपको बताएँगे की घर में किसी भी तरह का पूजा-पाठ हो, कैसा भी धार्मिक अनुष्ठान हो, कोई मांगलिक कार्य हो या शुभ कार्य हो।
कहीं यात्रा पर निकलना हो, या फिर किसी कार्य में सफलता पाने की इच्छा हो, इन सभी कार्यों में व्यक्ति के माथे पर तिलक क्यों लगाया जाता है।
माथे पर तिलक लगाना हिन्दू धर्म या सनातन धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ये प्रथा प्राचीन काल से ही प्रयोग चली आ रही है. लेकिन क्या है इसका महत्व।
आईये जानते है सिर पर तिलक लगाने का कारण, नियम और इसका महत्व (Benefits of tilak on forehead)।
हिन्दू धर्म में कई ऐसी परम्पराएं हैं जिनका पालन पूजा-पाठ के दौरान सदियों से होता चला आ रहा है।
इनमे प्रमुख है ‘तिलक लगाना’, पूजा-पाठ, विवाह आदि आयोजनों में तिलक लगाने का रिवाज है, जिसका महत्व शास्त्रों में बताया गया है।
माना जाता है कि बिना तिलक लगाए कोई भी पूजा अथवा अनुष्ठान पूर्ण नहीं होती है।
साथ ही पूजा के दौरान देवी-देवताओं का भी तिलकाभिषेक किया जाता है।
यह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी इसके कई फायदे बताए गए हैं।
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Toggleक्या है तिलक लगाने का नियम
हमारे ज्योतिष शास्त्र में तिलक लगाने के कुछ नियम बताए गए हैं।
जिनका पालन व्यक्ति को हर दिन करना चाहिए।
हमारी चेतना का भी मुख्य स्थान आज्ञा च्रक को माना जाता है। ध्यान करते समय इसी स्थान पर मन को एकाग्र किया जाता है।
यही कारण है कि तिलक या टीका हमेशा आज्ञा च्रक पर लगाया जाता है।
अब बात करते है की तिलक को किस उंगली से लगाना चाहिए।
अधिकतर मौकों पर अनामिका उंगली से ही तिलक लगाया जाता है क्योंकि ऐसा करने से इज्जत और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है।
अनामिका उंगली सूर्य की प्रतीक होती है। इसलिए हमेशा अनामिका उंगली से ही तिलक लगाया जाना चाहिए।
इस उंगली से तिलक लगाने से प्रतिष्ठा और तेज मिलता है।
अगर कोई अंगूठे से तिलक लगाता है तो उसे उसे मान-सम्मान, ज्ञान और आभूषण की प्राप्ति होती है।
तर्जनी उंगली से तिलक लगाने के उपरान्त विजय की प्राप्ति होती है।
एक बात का हमेशा ध्यान रखे की दूसरे के माथे पर तिलक लगाते समय हमेशा अंगूठे का प्रयोग करना चाहिए।
कहाँ लगाते है तिलक
तिलक हमेशा मस्तिष्क के केंद्र पर लगाया जाना चाहिए।
क्योंकि हमारे शरीर में सात छोटे ऊर्जा केंद्र होते हैं और मस्तिष्क के केंद्र में आज्ञाचक्र होता है जो इन सात चक्रों में से सबसे महत्वपूर्ण होता है।
आज्ञा चक्र, बुद्धि के केद्र में स्थित है क्योंकि यही पर शरीर की तीन प्रमुख नाड़ियां,चंद्र नाड़ी, सूर्य नाड़ी और मध्य नाड़ी आकर मिलती हैं।
यही स्थान पीनियल ग्रन्थि का होता है, जब उस स्थान पर तिलक लगाया जाता है।
पीनियल ग्रन्थि का वृद्धि होने लगती है जिससे हमारे शरीर के सूक्ष्म और स्थूल अवयन जागृत होते हैं।
जब हम मस्तिष्क पर तिलक लगाते है तब बीटाएंडोरफिन और सेराटोनिन नामक रसायनों का स्राव आरम्भ होने लगता है।
जिससे मन शांत होता है, एकाग्रता बढ़ती है, गुस्सा और तनाव कम होता है और सकारात्मक सोच विकसित होती है।
क्या है तिलक लगाने के फायदे
प्रति दिन पूजा के दौरान माथे पर तिलक लगाने से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं (Benefits of tilak on forehead)।
इस परम्परा का पालन करने से मन एवं मस्तिष्क शांत रहता है और सारा ध्यान ईश्वर की भक्ति में लगा रहता है।
इसके साथ तिलक लगाने से दैवीय आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
जिसके कारण सभी कार्य सफल हो जाते हैं।
शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि तिलक लगाने से उग्र ग्रहों को शांत करने में और उनके नकारात्मक प्रभाव को दूर करने में बहुत सहायता मिलती है।
साथ ही साथ आप कुमकुम, रोली, पीला व सफेद चंदन, हल्दी या भस्म का प्रयोग भी कर सकते हैं।
ऐसी मान्यता भी है कि किसी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले तिलक लगाना चाहिए और भगवान का आशीर्वाद लेना चाहिए।
ऐसा करने से कार्य सफल हो जाता है।
साथ ही जीवन में आ रही अड़चने दूर हो जाती हैं।
ऐसी भी मान्यता है कि तिलक लगाने से व्यक्ति के स्वभाव में सुधार होता है और मानसिक शांति और ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
तिलक लगाने से स्वास्थ्य भी रहता है उत्तम
तिलक धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होने के साथ साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी इस क्रिया को महत्वपूर्ण बताया गया है।
इस का प्रयोग करने के उपरांत हमारे मस्तिष्क की तंत्रिकाएं शांत मुद्रा में रहती हैं।
इससे सिरदर्द जैसी गम्भीर समस्या भी दूर रहती है और पास नहीं फटकती।
बुखार में चंदन का तिलक लगाने से व्यक्ति को लाभ मिलता है और इससे शरीर का तापमान स्थिर रहता है।
और जो लोग अनिद्रा या तनाव से ग्रष्ट है उन्हें माथे के बीच में मालिश करनी चाहिए और चंदन का तिलक लगाना चाहिए।
ऐसा करने के उपरान्त व्यक्ति की एकाग्रता शक्ति बढ़ती है और शरीर में सकारात्मक उर्जा का संचार भी होता है।
कितने रंगों में होते है तिलक
तिलक कैसा भी हो और किसी भी रंग का हो, सभी में ऊर्जा मौजूद होती है।
सफेद रंग का तिलक यानि चंदन का तिलक हमें शीतलता प्रदान करता है।
लाल रंग के तिलक हमें ऊर्जावान बनाता है और पीले रंग के तिलक प्रसन्नचित रहने के लिए लगाया जाता है।
काले रंग का तिलक यानि भभूति लगाने वाले मोहमाया से दूर रहने का सूचक है।
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