Budh Mahadasha: बुध की महादशा में सभी ग्रहों की अंतर्दशा का फल

Budh Mahadasha/Mercury Mahadasha

क्या होता है Budh Mahadasha?

बुध ग्रह को अक्सर बुद्धि का देवता  माना जाता है। बुध एक शुभ ग्रह है जो किसी और ग्रह के साथ भी रहे तो शुभ फल ही देता है। बुध ज्योतिष शास्त्र में सबसे शुभ घर माना जाता है। अच्छी नौकरी , हर कार्य में सफलता , समय पे शादी आदि यह सब अच्छे बुध का प्रभाव माना जाता है। इतना सब के बाद आपको पता ही चल गया होगा की आज हम budh mahadasha के बारे में।  

Mercury Mahadasha के बारे में जाने कुछ बातें 

ज्योतिष शास्त्र कहता है कि किसी व्यक्ति की budh mahadasha 17 वर्ष तक चलती है। बुध चंद्रमा का प्रतीक है जो वाणी, बुद्धि, रचनात्मकता और अन्य गुणों को प्रभावित करता है जिसके कारण व्यक्ति अपना रास्ता भटक जाता है और अपने लक्ष्यों को पूरा करने में विफल रहता है। जिस व्यक्ति की राशि बुध होती है वह किसी भी स्थिति से तालमेल बिठाने में सक्षम होता है। यदि कुंडली में बुध मजबूत है तो वह खूब हंसेगा और जीवन भर उत्कृष्ट लोगों से प्रेरित रहेगा। वहीं, बुध महादशा के परिणामस्वरूप व्यक्ति को कई तरह की मानसिक और शारीरिक समस्याओं का अनुभव हो सकता है। इसके अलावा, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हैं, जैसे चिंता, त्वचा संबंधी समस्याएं, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, बदनामी आदि। आइये जानते है बुध महादशा के कुछ  प्रभाव। 

बुध महादशा के कुछ  प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र में हर ग्रह का अपने आप में एक महत्व होता है।  ग्रहों का परिणाम दोनों शुभ और अशुभ हों सकते है।  ग्रहों का राजकुमार बुध को माना गया है। अगर बुध किसी पे मेहरबान होता है तब उसकी प्रभाव 17 साल तक चलती है। इस दौरान जातक या कहे वह व्यक्ति पूरा मौज में रहता है। 

अन्तर्दशा में एक ग्रह अगर दूसरे ग्रह में प्रवेश करता है।  जिस ग्रह की महादशा जैसी होगी , वैसा ही प्रभाव  व्यक्ति के जीवन पे पड़ेगा। आइये जानते है बुध के अन्तर्दशा के बारे में। 

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  • बुध महादशा में बुध का फल

ज्योतिष शास्त्र कहता है कि बुध की महादशा में बुध की अंतर्दशा आने पर व्यक्ति की धर्म के प्रति रुचि बढ़ती है और वह सत्य के मार्ग पर चलना पसंद करता है। बुध की महादशा काम करते समय फोकस को तेज करती है और बाधाओं का डटकर सामना करती है।

बुध में मतभेद के कारण बुध की महादशा के प्रभाव में आने पर व्यक्ति अत्यधिक ज्ञानी होता है और आर्थिक कठिनाइयों से मुक्ति पाता है। किसी व्यक्ति की शिक्षा और कलात्मक क्षमताएं उसे बहुत प्रसिद्धि दिला सकती हैं।

  • सूर्य की अंतर्दशा

बुध की महादशा में सूर्य की अन्तर्दशा आने पर व्यक्ति भाग्यशाली होता है। क्योंकि बुध और सूर्य का मधुर संबंध है। इस समय के दौरान एक व्यक्ति नए कौशल सीखता है, और सरकार के साथ एक पद प्राप्त करने की संभावना अधिक होती है। बुध की महादशा में सूर्य की अंतर्दशा ताजी ऊर्जा को जन्म देती है जो पारस्परिक संबंधों में सामंजस्य बनाए रखती है और आध्यात्मिकता की ओर रुझान बढ़ाती है।

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  • बुध की महादशा में चंद्रमा की अन्तर्दशा

चंद्रमा और बुध के बीच का सम्बन्ध ज्योतिष शास्त्र में सामान्य बताया गया है।  जब बुध की महादशा में चन्द्रमा की अन्तर्दशा होता है तो व्यक्ति रचनात्मक चीजें की और भागता है।  उसके संबध परिवार के साथ अच्छा होता है।  कभी -कभी ज़िन्दगी में तनाव की स्थति बन जाती है पर वह कड़ी मेहनत से पीछे नहीं हटते। 

  • शुक्र की अन्तर्दशा जब बुध की महादशा में घुसती है 

ऐसा ज्योतिष शास्त्र में कहा  गया है की बुध की महादशा में शुक्र की अन्तर्दशा का  होना व्यक्ति को अच्छा धन लाभ करवाता है।  बुध और शुक्र के बीच हमेशा अच्छे संबध रहते हैं और इसी कारण बौद्धिक क्षमताओं में विकास होता है और व्यक्ति का आदर हर जगह होता है। शादीसुदा ज़िन्दगी बहुत अच्छी होती है और जीवनसाथी के साथ सम्बन्ध अच्छे होतें है। हर जगह आपको लाभ ही लाभ होता है। 

  • केतु की अन्तर्दशा बुध की महादशा में 

अगर बुध महादशा में केतु की अन्तर्दशा होती है तो व्यक्ति का जीवन काफी कठिनाई भरा हो जाता है।

इस दौरान व्यक्ति का जीवन वाद-विवाद से भर जाता है और हर कोई दुश्मन लगने लग जाता है। व्यक्ति को अपने फैसलों पे भर्म होता है , खर्च भी बढ़ जातें हैं। 

वैसे budh mahadasha अच्छा होता है और जीवन अच्छा हो जाता है। 

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  • क्या फायदे होते है budh mahadasha के?
    जब budh mahadasha व्यक्ति के ज़िन्दगी में होती है तो जातक की बुद्धि निर्मल  हो जाती है। व्यक्ति को धन का लाभ भी होता है।  विद्या के कारण उत्तम यश प्राप्त होता है और हमेशा सुख में रहते हैं। 
  • क्या होता है केतु की अंतर्दशा बुध की महादशा में ?
    बुध महादशा में केतु की अन्तर्दशा होती है तो व्यक्ति का जीवन काफी कठिनाई भरा हो जाता है। इस दौरान व्यक्ति का जीवन वाद-विवाद से भर जाता है और हर कोई दुश्मन लगने लग जाता है। व्यक्ति को अपने फैसलों पे भर्म होता है , खर्च भी बढ़ जातें हैं। 
  • बुध की महादशा अगर खराब हो तो क्या करें?
    बुध दशा को सही करने के लिए 
    • हर रोज़ दुर्गा चालीसा या सप्तशती पाठ कीजिए।
    • दान में मूंग की साबूत दाल दीजिये। 
    • सुहाग सामग्री का दान किन्नरों को दीजिये।
    • मनी प्लांट लगाएं। 
    • तोता पालना भी बुध महादशा में सही करता है। 
    • हरे रंग की कांच की गोलियां जेब या पर्स में रखें । 
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