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पूजा तभी पूर्ण होगी जब हाथ में बंधा होगा – कलावा

कलावा बांधने के फायदे जब भी आप किसी धार्मिक स्थान पर जाते हैं वहां हाथों में कलावा बांधा जाता है। किसी भी पूजा अनुष्ठान या मंदिर में दर्शन के दौरान कलावा बांधना जरूरी माना जाता है। मान्यता है कि यह लाल रंग का धागा यानी रक्षासूत्र हमारी किसी भी बाधा से रक्षा करने के साथ परेशानियों से लड़ने की भी शक्ति प्रदान करता है। 

ज्योतिष के अनुसार पूजा को तभी पूर्ण माना जाता है जब उसमें सम्मिलित जातकों के हाथों में कलावा या रक्षासूत्र बांधा जाता है। यह रक्षासूत्र सभी नकारात्मक शक्तियों से हमारी रक्षा करता है और मन को शांत और स्थिर करने में मदद करता है। आइए जानते है पूजा के दौरान कलावा बांधने के कारणों, इसके पीछे की प्रथाओं और इसके महत्व के बारे में। 

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कलावा से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं 

एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान् इंद्र ने अपने दुश्मनों का नाश करने और उनपर विजय प्राप्त करने के लिए रक्षा सूत्र यानी कि कलावा का इस्तेमाल किया था। उन्होंने अपने हाथ में कलावा बांधकर ही अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त की थी।

एक अन्य कथा के अनुसार कलावा या मौली बांधने की शुरुआत माता लक्ष्मी और राजा बलि ने भी की थी। प्राचीन काल में जब राजा महाराजा युद्ध में जाते थे तब उनकी रानियाँ हाथों में रक्षासूत्र बांधकर उनकी रक्षा का वचन लेती थीं और ईश्वर से उनकी जीत की प्रार्थना करती थीं। 

माना जाता है कि कलाई पर इसे बांधने से जीवन में आने वाले संकट से रक्षा होती है। कलावा को बांधते समय एक मंत्र को बोला जाता है-येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:, तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:।

कलावा बांधने का वैज्ञानिक कारण

कलावा या रक्षासूत्र स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होता है। शरीर विज्ञान के अनुसार शरीर की महत्पूर्ण नसें कलाई से होकर शरीर के प्रमुख अंगों तक पहुँचती है । कलाई पर कलावा बांधने से इन नसों की क्रिया नियंत्रित रहती है। आयुर्वेद के अनुसार  हमारे शरीर में तीन दोष होते हैं, वात, पित्त और कफ जिन्हें त्रिदोष भी कहा जाता उसका सामंजस्य बना रहता है। शरीर की संरचना का प्रमुख नियंत्रण कलाई में होता है। इसका मतलब है कि कलाई में मौली बांधने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है।  माना जाता है कि कलावा बांधने से रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह और लकवा जैसे गंभीर रोगों से काफी हद तक बचाव होता है। यह शरीर में संतुलन बनाए रखता है। ये कलावा या धागा कलाई की नसों से ऊर्जा पूरे शरीर में फैलाने में मदद करता है और शरीर हमेशा ऊर्जावान बना रहता है। इसलिए कलावा पूजा के दौरान कलावा बांधने की सलाह दी जाती है। 

 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कलावा

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल ग्रह का शुभ रंग लाल है। लाल रंग का कलावा पहनने से कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत होता है। वहीं यदि कोई व्यक्ति पीले रंग का कलावा बांधता है तो उसका गुरु बृहस्पति मजबूत होता है, जिसके कारण व्यक्ति के जीवन में सुख और संपन्नता आती है। अगर आपको शनि ग्रह को खुश करना है तो आपको काले रंग का कलावा धारण करना चाहिए। 

 

कलावा धारण करने से किन देवता का आशीर्वाद मिलता है।

शास्त्रों में बताया गया है कि कलावा बांधने से त्रिदेव यानि ब्रह्मा, विष्णु और महेश का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती तीनों देवियों की अनुकूलता का भी लाभ मिलता है।

 

 किस हाथ में बांधा जाता है कलावा 

कलावा किसी भी पुरुष एवं अविवाहित कन्याओं को अपने दाहिने हाथ में बांधना चाहिए और विवाहित महिलाओं को इसे बाएं हाथों में बांधना चाहिए। जब भी हाथ में कलावा या मौली बांधें उस हाथ की मुट्ठी को बांध ले और दूसरा हाथ सिर पर रख ले. कलावा को 40 दिनों तक धारण और इसे समय-समय पर बदलते रहें। 40 दिनों तक कलावा से किसी भी तरह की सकारात्मक ऊर्जा आपके शरीर में प्रवेश कर जाती है। इसलिए इसे बदलकर दूसरा कलावा बांधें।  

कलावा-कितनी बार लपेटना चाहिए?

हाथ में जब भी कलावा धारण करते है , उस समय उस हाथ की मुट्ठी खुली नहीं होनी चाहिए उसे बांध लेना चाहिए और दूसरे हाथ को सिर पर रख लेना चाहिए. साथ ही, इस बात का भी ध्यान रखे कि मौली को सिर्फ तीन बार ही लपेटना चाहिए.कलावा को बांधते समय एक मंत्र को बोला जाता है-

येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:, तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:।

 

आर्थिक समस्याओं में कलावा

कलावा या रक्षासूत्र  में देवी-देवता अदृश्य रूप में विद्यमान रहते हैं। कच्चे सूत से रक्षासूत्र का धागा तैयार किया जाता है और यह लाल, पीला, सफेद और नारंगी रंगों में होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इसे कलाई पर बांधने से आर्थिक समस्या भी दूर होती है.

 

हाथ में लाल रक्षासूत्र या कलावा बांधने के लाभ क्या हैं?

लाल रंग का कलावा बांधने से लक्ष्मी जी हमेशा प्रसन्न रहती हैं और हनुमान जी व्यक्ति के सभी संकटों से मुक्ति दिला देते है. लाल कलावा शुभ का प्रतीक होता है. इसलिए लाल रंग का कलावा धारण करते ही सकारात्मक उर्जा जुड़ने लग जाती है. सिंह राशि वालों को लाल रंग का कलावा बांधना चाहिए. जो हाथ में लाल कलावा बांधते है उनके जीवन में सूर्य देव की कृपा हमेशा बनी रहती है. लाल रंग का कलावा सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है।  

सफेद रक्षासूत्र या कलावा से क्या लाभ होता है?

सफेद रंग का रक्षासूत्र बांधने से चंद्र ग्रह का प्रभाव शुभ रहता है और मन हमेशा शांत और शीतल रहता है  

इन्हीं कारणों से किसी भी पूजा के दौरान आपको कलावा बांधने की सलाह दी जाती है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे लाइक और शेयर जरूर करें .

 

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