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सूर्य को क्यों किया जाता है जल अर्पित(why do we offer water to sun)? हिंदू धर्म में उगते सूर्य को जल चढ़ानेे की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
शास्त्रों के अनुसार सूर्य को जल देना बेहद ही शुभकारी माना जाता है और ऐसा करने से सभी देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।
36 करोड़ देवी-देवता हैं हिंदू धर्म में लेकिन सूर्य एक मात्र देवता हैं।
जिन्हें हम रोजाना उगते हुए और अस्त होते हुए देखते हैं यानि सूर्यदेव साक्षात दर्शन देते हैं।
लेकिन सूर्य को जल अर्पित करते समय हमें कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
तो आइए जानते हैं कैसे सूर्य को जल अर्पित करे और ऐसा करते समय किन बातों का विशेष ध्यान रखे।
ऐसे करे सूर्य को करें जल अर्पित
सूर्य को अर्घ्य देते समय हमेशा तांबे का लोटा का ही प्रयोग करना चाहिए. जल हमेशा नहा-धोकर ही अर्पित करें।
सूर्य को जल अर्पित करते जल में जल को अक्षत, लाल चंदन, सिंदूर और लाल फूल के साथ मिश्रित करें।
अर्घ्य देते समय सूर्य की किरणों पर भी ध्यान देना चाहिए कि किरणें हल्की हो न कि बहुत तेज।
सबसे महत्वपूर्ण है कि सूर्य को जल अर्पित करते समय गिरती हुई जल की धार में सूर्य की किरणों को देखना शुभ माना जाता है.
सूर्य को जल देते समय पूरब की तरफ मुंह होना चाहिए और ‘ओम सूर्याय नमः’ मन्त्र का 11 बार जाप करना चाहिए, इसके बाद 3 बार परिक्रमा करे। इस दौरान गायत्री मंत्र का भी जाप करना भी शुभ माना जाता है।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
सूर्य को अर्घ्य देते समय भूलकर भी पैर में जूते-चप्पल नहीं पहनने चाहिए।
जल हमेशा नंगे पैर ही देना चाहिए।
इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जल देने बाद वह किसी के पैरों तक न पहुंचें।
सूर्य को जल अर्पित करने के फायदे
जिनकी कुडंली में सूर्य कमजोर है उन्हें सूर्य को रोजाना जल अर्पित करना बहुत लाभकारी होता है।
इसके उपरांत उनका आत्मशुद्धि और आत्मविश्वास मजबूत होता है और समाज में उनकों मान-सम्मान भी खूब बढ़ता है।
अत: उनको रोजाना सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए. यदि किसी व्यक्ति को नौकरी या तरक्की में कोई दिक्कत की अनुभूति हो रही है है तो उसे नियमित रूप में सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए।
सूर्य को जल अर्पित करने का ज्योतिषीय महत्व
पुरे ब्रह्मांड में सूर्य को पराक्रमी और निर्भीक ग्रह माना जाता है।
इस आधार पर सूर्य को जल अर्पित देने वाले व्यक्ति को ये विशेष गुण सूर्य देवता से प्राप्त होते हैं।
ज्योतिष विद्या के मुताबिक सूर्य को प्रतिदिन जल अर्पित करने से व्यक्ति में कुंडली में सूर्य की स्थिति काफी मजबूत होती है। जिस व्यक्ति विशेष की कुंडली में शनि की बुरी दृष्टि हो तो उस व्यक्ति विशेष को रोजाना सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए ऐसा करने से उसके जीवन पर पड़ने वाले शनि के हानिकारक प्रभाव कम हो जाते हैं। चंद्रमा में जल का तत्व विद्यमान होता है और जब हम सूर्य को जल देते हैं तो न सिर्फ सूर्य बल्कि चंद्रमा से भी बनने वाले शुभ योग स्वयं ही व्यक्ति की कुंडली में विशेष रूप से कल्याणकारी हो जाते हैं।
सूर्य को जल अर्पित करने का वैज्ञानिक महत्व
सूर्य को जल चढ़ाने के पीछे न सिर्फ ज्योतिषीय कारण हैं बल्कि वैज्ञानिक कारण भी बताए गए हैं जैसे, सूर्य को सूर्य को जल अर्पित करते समय जल की हर एक बूंद एक माध्यम की तरह कार्य करती है और वातावरण में मौजूद विभिन्न जीवाणुओं से सुरक्षा प्रदान करती हैं। सूर्य को प्रतिदिन जल देने से हमारे आंखों की रोशनी में वृद्धि होती है। ऐसा माना जाता है कि सूर्य को जल चढ़ाने का खास महत्व सुबह का होता है। नियमित तौर पर से सूर्य को जल देने से हमारे शरीर की हड्डियां भी मजबूत होती हैं क्योंकि सुबह की सूर्य की किरणें व्यक्ति को सेहतमंद बनाने में भी मददगार होती हैं और हमारे शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए ऊर्जा प्रदान करती हैं।